Wednesday, April 5, 2017

Shree Ram





काँधे पर है तरकश जिनके , हाथ में कमान है ,
पितृ आदेश सर्वोपरि जिन्हें , रघुवंश अभिमान है । 
मर्यादा में जकड़े राजा , निर्णय लेके लाचार हैं  ,
सत्य के पर्यायी हैं , धर्म के आधार हैं ।
सत्ययुग में नरसिंह है तो द्वापर के घनश्याम हैं  ,
शत्रु के भी मन में रमें , ऐसे प्रभु श्री राम हैं ॥

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