Friday, August 11, 2017

परिप्रेक्ष्य - 2



सब खेल है ये ,
परिप्रेक्ष्य का |
ये वही पिंजरा है जो

Thursday, August 3, 2017

Anavrishti






सदियों से,
किस्सों ने , कहानियों ने,
गानों ने, दर्शाया है -
मझधार से डर, और
साहिल की चाहत,
शायद किसी ने दुआ सुन ली।
अनावृष्टि की मार में
अब नदी को देख के,
दोनों में अंतर करना मुश्किल है ।

Thursday, July 13, 2017

Ballimaran se Daribe talak : A visit to Chandni Chowk

"Tujhse milna purani dilli mein
chhod aaye nishani dilli mein
Ballimaran se Daribe Talak
Teri meri Nishani Dilli mein"

 

Famous lines from the epic song "Kajrare". Have you ever wondered what is Ballimaran and Dariba ? People from Delhi would definitely know this. For all others like me, this post is all about.

Well, both of these are name of the lanes inside the world famous Chandni Chowk of Delhi. I visited Delhi for a week around a month back and was fortunate enough to get a day off which I spent in roaming in and around Chandni Chowk.

Wednesday, April 5, 2017

Shree Ram





काँधे पर है तरकश जिनके , हाथ में कमान है ,
पितृ आदेश सर्वोपरि जिन्हें , रघुवंश अभिमान है । 
मर्यादा में जकड़े राजा , निर्णय लेके लाचार हैं  ,
सत्य के पर्यायी हैं , धर्म के आधार हैं ।
सत्ययुग में नरसिंह है तो द्वापर के घनश्याम हैं  ,
शत्रु के भी मन में रमें , ऐसे प्रभु श्री राम हैं ॥

Wednesday, February 15, 2017

कुछ मुड़े पीले पन्ने

वो काग़ज़ की नाव, आज फिर पानी पे चल गई,
वो चार आने की कंपट, आज चार आने में मिल गई,
कंचो की खन्न - खन्न से, आज फिर गलियारी खिल गई,
कुछ मुड़े पीले पन्नो को आज फिर से स्याही मिल गई ।

Thursday, February 9, 2017

Shiva's Bow

Here's a story behind mahatva (importance) of Shiva's bow for choosing the right king for Sita.




Shiva, the supreme tapasvi, had destroyed his hunger. So he sat atop a mountain of stone covered with snow, where no vegetation grew. Nature, taking the form of Shakti, said to him, 'Hunger distinguishes creatures alive from one which aren't. If you have no hunger, you should be called 'shava' (corpse)

Sunday, January 29, 2017

निर्माण

महके इस क़दर कि गुलफ़ाम बन गए ,
बिख़रे इस क़दर कि नाकाम बन गए ,
रोटी को तरसे तो आवाम बन गए ,
अपने ही हक़ को हम हराम बन गए ।